मोटापे से बढ़ सकता है हार्ट फेल होने का जोखिम

 अनुसंधान

मोटापा हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं माना जाता, क्योंकि यह कई बीमारियों का स्रोत हो सकता है। शोधकर्ताओं ने मोटापे को हार्ट फेल होने के कारकों में पाया है। उन्होंने पाया कि मोटापा 'हार्ट फेल्योर विद ए प्रीजर्ल्ड इजेक्शन फ्रैक्शन' (एचएफपीईएफ) के रोगियों की मांसपेशियों की संरचना को प्रभावित करता है। एचएफपीईएफ दुनिया भर में हार्ट फेल के सभी मामलों के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है।



शोध का निष्कर्ष नेचर कार्डियोवैस्कुलर रिसर्च जर्नल में हाल ही में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने बताया कि एचएफपीईएफ के चलते लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और पांच वर्षों में 30-40 प्रतिशत मृत्युदर रही। हालांकि, यह उच्च रक्त चाप और अतिरिक्त मांसपेशियों की वृद्धि (हाइपरट्राफी) से जुड़ा होता था, पिछले 20 वर्ष में एचएफपीईएफ गंभीर मोटापे और डायबिटीज रोगियों में अधिक हो रहा है। जान हापकिंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि 25 ऐसे रोगियों के मांसपेशियों के ऊतकों के छोटे टुकड़े लिए गए, जो मोटापे और डायबिटीज के चलते एचएफपीईएफ से पीड़ित थे। इनकी अंगदान करने वाले 14 ऐसे लोगों के ऊतकों से तुलना की गई, जिनका हृदय ठीक था। शोध दल ने मोटापे के साथ एचईपीईएफ से पीड़ित लोगों में अल्ट्रास्ट्रक्चरल असामान्यताएं पाईं। उनके माइटोकांड्रिया सूजे हुए, पीले व बाधित थे। वहीं, डायबिटीज से पीड़ितों में यह नहीं पाया गया, जबकि कम मोटापे वाले लोगों में कम पाया गया। जान हापकिंस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डेविड कास ने सुझाव दिया कि किसी दवा के उपयोग से बेहतर है मोटापे को कम करना है।

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